कोई नहीं चाहता जो पाया है उसे खोना
हालात के आगे बेबस होकर पड़े रोना
कौन नहीं चाहता चैन से दिन गुजर जाए
अच्छा नहीं लगता किसे मीठी नींद सोना
हर लम्हा सुकून से गुजरे खुशी घर आए
जीवन के हर पल को नए रंगों में पिरोना
प्रकृति की गोद में हो सुंदर आशियाना
खूबसूरत नजारों से सजा हो बिछौना
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2 MAY 2021 AT 16:30