कोई इसको न पकड़ पायादरिया की तरह बहता रहताकोई इसको न रोक पाया समय के साथ चला है जोवो मंजिल तक पहुँच पायासमय वो हस्ती है जिसनेराजा को भी है रंक बनायारंक को भी समय ने हीशिखर तक है पहुंचाया -
कोई इसको न पकड़ पायादरिया की तरह बहता रहताकोई इसको न रोक पाया समय के साथ चला है जोवो मंजिल तक पहुँच पायासमय वो हस्ती है जिसनेराजा को भी है रंक बनायारंक को भी समय ने हीशिखर तक है पहुंचाया
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