21 DEC 2019 AT 16:35

कोई इसको न पकड़ पाया
दरिया की तरह बहता रहता
कोई इसको न रोक पाया
समय के साथ चला है जो
वो मंजिल तक पहुँच पाया
समय वो हस्ती है जिसने
राजा को भी है रंक बनाया
रंक को भी समय ने ही
शिखर तक है पहुंचाया

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