9 APR 2020 AT 19:09

कल्पना में ऊंची उड़ान भरने वाले हवा में घर बनाया करते हैं
जिनके पास रहने को घर नहीं वो आसमां को छत बताया करते हैं
मुकद्दर के भरोसे रहने वाले भटक जाते हैं अक्सर अपना रास्ता
जिनके हौसले होते हैं बुलंद,वही मंजिल को पाया करते हैं
अपने आपसे जिन्हें लगता है हमेशा भय वो दूसरों को हैं डराते
आंधी में दीप जलाते हैं जो,संकट में औरों को राह दिखाया करते हैं

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