23 NOV 2020 AT 17:30

कितना भी उनका दीदार करें
झील से गहरे उनके नयनों में
कैसे न जी भर के विहार करें
उनके चेहरे का आभा मंडल
कर देता अक्सर मजबूर हमें
पलकों में जिसके हो प्यार छिपा
कैसे न उसका सत्कार करें
मोहक हो जिसकी मुस्कान सदा
दिल कैसे न उसका ध्यान करें
पुलकित होता मन देख जिसे
फिर क्यों न उससे प्यार करें

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