कई बार सोचता हूँ कहीं दूर चला जाऊँ
जीवन के बाकी दिन एकांतवास में बिताऊं
लगता नहीं मन अब इस दुनिया की भीड़ में
दिल चाहता है पहाड़ों की गोद में वक्त बिताऊं
सीख जाऊँ हरे भरे पेड़ों से अपनी बात करना
कुछ अपनी बात कहूँ कुछ उनकी समझ पाऊँ
जंगल की फिजाओ में टहलते बीत जाए जिंदगी
झूठे और दिखावे की दुनिया से खुद को बचाऊँ-
26 OCT 2021 AT 20:58