15 FEB 2020 AT 20:41

कई बार मन करता है हम अकेले में हो ले
जहाँ हमे कोई और न देखें जी भर के रो ले
आंसुओं को आंखों से निकलने की दे आजादी
जब तक मन हल्का न हो जाए अंधेरे में जी ले

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