8 JUN 2020 AT 15:45

खता क्या हो गई हमसे खफा जो हमसे रहते हो
पूछते जब भी कोई बात कुछ भी तुम न कहते हो
निगाहों में गुस्सा और प्यार दोनों ही नजर आता
न जाने कब क्या कर जाओ पता लगने न देते हो
कोशिश करते समझने की मगर कुछ न समझ पाते
इरादों को तुम अपने कभी जाहिर होने न देते हो

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