4 DEC 2020 AT 14:22

कभी उनकी महफिल में हम शिरकत किया करते थे
हम उनकी और वो हमारी खूब खिदमत किया करते थे
वक्त ने बदली करवट अब वो महफिलों का दौर न रहा
वो खो गए भीड़ में न जाने कहाँ हम बस खोजते रह गए

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