कब से मैं तन्हा हूँ कुछ भी मुझे याद नहींकल जो मेरे पास था आज मेरे साथ नहींइंतजार नहीं किसी का अकेले ही जी़ना हैहालात चाहे जैसे हो अब कोई परवाह नहींअभ्यस्त हो गए हम इस तन्हा जिंदगानी केअब किसी से मुलाकात की दिल में चाह नहीं -
कब से मैं तन्हा हूँ कुछ भी मुझे याद नहींकल जो मेरे पास था आज मेरे साथ नहींइंतजार नहीं किसी का अकेले ही जी़ना हैहालात चाहे जैसे हो अब कोई परवाह नहींअभ्यस्त हो गए हम इस तन्हा जिंदगानी केअब किसी से मुलाकात की दिल में चाह नहीं
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