कौन सोचता है कि ऐसे दिन भी आएंगेजो कभी करीब थे दुश्मन बन जाएंगेखटकेंगे वो जो नजरों में बसा करते थेएक दूसरे का सामना करने से घबराएंगे -
कौन सोचता है कि ऐसे दिन भी आएंगेजो कभी करीब थे दुश्मन बन जाएंगेखटकेंगे वो जो नजरों में बसा करते थेएक दूसरे का सामना करने से घबराएंगे
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