24 APR 2020 AT 16:54

कैसे सह जाते हैं लोग यकीन नहीं आता
घुट घुट के मर जाते हैं कहना नहीं आता
अंधेरे में घिर कर छटपटाते हैं उजाले को
उजालो की ओर बढ़ने का जज्बा नहीं आता
जुर्म सहते सहते उम्र गुजर जाती है सारी
फिर भी प्रतिकार का साहस नहीं आता

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