कांटों भरे सफर से तुम्हे दूर तक है जाना
आए कोई भी बाधा तुम जरा नहीं घबराना
इस जहाँ में सब अकेले चुनते हैं अपना रस्ता
तुम भी अकेले चलकर मंजिल को अपनी पाना
तुम्हे राह में मिलेंगे कई राहगीर बताने वाले
तुम अपनी राह चलना बातों में न किसी की आना
दुनिया का ये चलन है चढ़ते को सदा गिराना
जो गिर गया फिर उस पर हंसता है ये जमाना
जो भी भंवर में फंसता खोजता है कोई सहारा
जो लड़ता है जंग खुद ही वो पाता है किनारा-
13 FEB 2020 AT 17:24