10 MAR 2018 AT 19:31

काँटो के बीच रह कर भी फूल मुस्कराते हैं
दर्द को सहते हुए वो रिश्ते को निभाते हैं
फूलो का दर्द काँटो को महसूस नही होता
वरना कोई काँटा फूलो को कभी न चुभोता
काँटो के साथ रहकर फूलो को चैन मिलता है
फूलो की अहमियत को कांटा भी समझता है
काँटो की हिफाजत मे फूल खिल पाते है
फूल भी इस बात से इंकार नही कर पाते हैं
फूलो की खुशबू से भौरे खिचे चले आते हैं
काँटे इस बात को सहन नही कर पाते है
फूल नही होगे तो काँटे भी रह न पाएंगे
लोग भला काँटो के फिर क्यो करीब जाएगे
फूल और काँटे जिस तरह रिश्ते निभाते है
इन्सानो के बीच वैसे रिश्ते पनप नही पाते हैं
जब साथ ही रहना है तो मिल कर रहा जाए
एक दूसरे को दिल से कुबूल किया जाए









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