17 FEB 2021 AT 10:08

जुस्तजू है कि कभी तुमसे मुलाकात हो
लब न खुले पर नजरों से सारी बात हो
तुम्हारे साथ कुछ लम्हे गुजर जाए ऐसे
दुनिया की हर खुशी पाने का अहसास हो
शरीर का रोम रोम पुलकित हो महक जाए
तुम दूर भी हो जाओ तो लगे कि पास हो


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