18 AUG 2020 AT 20:37

जरूरी है क्या जब हम मुस्कराएं तभी तुम मुस्कराओ
कोई बंदिश है क्या जब हम कहें तभी तुम पास आओ
कभी खुद भी तो करो कोशिश हमारे करीब आने की
रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए एक कदम तो बढा़ओ
हम तुम्हारे इंतजार में दहलीज पर नजरें बिछाए रहते हैं
कभी बेवजह इन गलियों में चुपचाप तो चले आओ

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