जिसकी मुझे तलाश है
कैसे कहूँ कि बुझ गई
मेरे मन की प्यास है
समझौता नहीं कर सकता
मैं कभी ऐसे मुकाम से
संघर्ष रहेगा आगे जारी
जब तक दिल में आस है
उम्मीद का दामन थामे
चले हैं सफर में हम
टूटने न देंगे ये आस
जब तक चल रही सांस है-
2 NOV 2020 AT 15:57
जिसकी मुझे तलाश है
कैसे कहूँ कि बुझ गई
मेरे मन की प्यास है
समझौता नहीं कर सकता
मैं कभी ऐसे मुकाम से
संघर्ष रहेगा आगे जारी
जब तक दिल में आस है
उम्मीद का दामन थामे
चले हैं सफर में हम
टूटने न देंगे ये आस
जब तक चल रही सांस है-