28 OCT 2020 AT 13:02

जिंदगी तेरे लिए क्या क्या नहीं करना पड़ता
जीने के लिए जहाँ में कई बार है मरना पड़ता
न जाने कितने गम, तकलीफ, दर्द झेलने पड़ते
फूल की चाह में कांटों से है उलझना पड़ता
उम्र गुजर जाती है मगर ख्वाहिशें कम नहीं होती
ख्वाहिशों को कुचलकर आगे को बढ़ना पड़ता
मन को मारकर जीते चले जाते हैं इस जहाँ में
आंसू लिए आंखों में राहों से है गुजरना पड़ता

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