जब से गए हो छोड़ कर शहर का हर कोना सूना लगता हैदिल को बहलाने के लिए आंखों को भिगोना पड़ता है -
जब से गए हो छोड़ कर शहर का हर कोना सूना लगता हैदिल को बहलाने के लिए आंखों को भिगोना पड़ता है
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