12 MAY 2021 AT 22:04

इधर कुंआ उधर खाई
जिंदगी है लड़खड़ाई
कितना बचकर चले
हर तरफ आफत आई
आगे बढ़े तो कहाँ जाएं
देता नहीं कुछ दिखाई
हर कोई तो है बेहाल
खुद से खुद की लड़ाई
व्यथा मन की कहें किससे
कोई बतलाए तो भाई
ऐ दिल हताश न होना
जीते न जब तक लड़ाई

-