इधर कुंआ उधर खाईजिंदगी है लड़खड़ाईकितना बचकर चलेहर तरफ आफत आईआगे बढ़े तो कहाँ जाएंदेता नहीं कुछ दिखाईहर कोई तो है बेहालखुद से खुद की लड़ाईव्यथा मन की कहें किससेकोई बतलाए तो भाईऐ दिल हताश न होनाजीते न जब तक लड़ाई -
इधर कुंआ उधर खाईजिंदगी है लड़खड़ाईकितना बचकर चलेहर तरफ आफत आईआगे बढ़े तो कहाँ जाएंदेता नहीं कुछ दिखाईहर कोई तो है बेहालखुद से खुद की लड़ाईव्यथा मन की कहें किससेकोई बतलाए तो भाईऐ दिल हताश न होनाजीते न जब तक लड़ाई
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