हटेंगे जब गम के बादल, खुशियों की चांदनी छिटक जाएगी
दूर होगा मन का अंधेरा,जब उजाले की किरण जगमगाएंगी
कोशिश कर रही हवाएं बहुत ,मगर दीप आशा का बुझने न दो
मायूस क्यों होते हो हालात से, जिंदगी फिर से मुस्कराएगी
व्यर्थ में निराश न करो मन को, धीरज रख जरा इंतजार करो
मन को प्रफुल्लित कर दे वो खुशी, देर तक दूर न रह पाएगी
देखा है उसे दूर से जाते हुए,कभी तो उसे करीब आना होगा
शिद्दत से है जिन लम्हों का इंतजार, वो सुबह कभी तो आएगी
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23 MAY 2021 AT 15:14