31 OCT 2020 AT 14:19

हमने सोचा न था कभी ऐसे दिन भी आएंगे
बसाया था जिसे आंखों में वो न नजर आएंगे
गुजारी है उम्र साथ जिनके वो दूर चले जाएंगे
हालात की आंधी में ख्वाब टूट कर बिखर जाएंगे
दिन के उजाले भी जब अंधेरे से नजर आएंगे
इन अंधेरो में हम तन्हा दिल को कैसे बहलाए़ंगे

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