हम लोग कभी साथ रहा करते थे
सुख दुख मिल कर सहा करते थे
गुजरती थी जिंदगी कुछ इस तरह
गम में भी मुस्करा लिया करते थे
धन का अभाव जरूर था उन दिनों
मगर हम कभी महसूस न करते थे
जो भी मिल जाता था रुखा सूखा
मिल बांट कर खा लिया करते थे
वो दिन हम कभी भूल सकते नहीं
जब एक छत के तले जिया करते थे
बड़े हम पर कितना भी होते नाराज
हम फिर भी इज्जत किया करते थे
टूट कर बिखर गए सारे रिश्ते नाते
जो कभी अटूट हुआ करते थे-
19 JUL 2020 AT 12:32