6 NOV 2020 AT 16:55

हम तो खुश हैं जिंदगी से हमें जो मिला
फितरत नही हमारी किसी से करें गिला
जो मिल गया हमें बस उसी में खुश रहते
चलता रहे सांसो का बस यूँ ही सिलसिला
करेंगे भी क्या बटोर कर ढेर सारी दौलत
मिट तो गए वो भी जिनके पास था किला
सुकून की तलाश है बस वो नसीब हो जाए
ताकि बेफिक्र चलता रहे जीवन का काफिला
मालूम है सब कुछ छूट जाना है एक दिन
किसलिए रखें न गमो से फिर हम फासला

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