4 MAY 2021 AT 22:47

हम तो खुश हैं जिंदगी से हमें जो मिला
फितरत नही हमारी किसी से करें गिला
जो मिल गया हमें बस उसी में खुश रहते
चलता रहे सांसो का बस यूँ ही सिलसिला
करेंगे भी क्या बटोर कर ढेर सारी दौलत
बचे तो नहीं वो भी जिनके पास था किला
सुकून की तलाश है बस वो नसीब हो जाए
गमों से यूँ ही बना रहे सदा अपना फासला
मालूम है सब कुछ छूट जाना है एक दिन
फिर क्यों बनाएं हम सुनहरे ख्वाबों का किला

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