19 JUL 2021 AT 17:28

हम कभी होते न निराश थे
गुजरती थी जिन्दगी मजे से
हम उड़ने को रहते बेताब थे
खुशियाँ भरपूर थी आंगन में
आंखों में सुनहरे ख्वाब थे
महसूस होता था हमें सदा
जैसे हम कहीं के नवाब थे

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