17 AUG 2020 AT 11:17

हम भी कह नही पाए और तुम भी कह नहीं पाए
दिल की बात जुबां पर हम कभी भी ला नहीं पाए

धड़कते तुम रहे दिल में यह अहसास तुम्हें भी था
भाव आंखों में रहे लेकिन जुबां तक न पहुँच पाए

तुम्हारी आंखों का जादू हमें मजबूर कर देता था
इस कदर डूबे इसमें कि चाह कर भी न निकल पाए

जाड़ों की धूप का सुकून देख तुमको मिलता रहा
कसक दिल की रही दिल में लबों पर हम न ला पाए

चाहत के फूल रहे दिल में कभी मुरझाने न दिया इनको
जब भी चाहा कुछ कहना शब्द ओठों पर न आ पाए

दिए जलते रहे दिल में लिए बस प्यार की चाहत
आंखों आंखों में जीते हम दूर तक यूँ ही चले आए

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