गुमशुदा जिंदगी जी रहा हूँ अरसे से
खोज रहा हूँ अपना वजूद अरसे से
बिखरे हुए सपनो को समेट नहीं पाया
टूटते हुए अरमानों को देख रहा अरसे से
खुद से बात करता हूँ सोच में रहता हूँ
किसी से कुछ नहीं कहता मौन हूँ बरसों से
लोग अब पूछते भी नहीं आखिर पूछे भी क्यों
मै किसी से मिला भी नहीं पिछले कई बरसों से-
30 JAN 2020 AT 20:49