गहन अंधकार ही देख पाया
खोजते रहे उम्मीद का दिया
दूर टिमटिमाता नजर आया
निराशा के घने बादल दिखे
उनके पीछे चांद नजर आया
दूर दूर तक राहें सुनसान थी
कोई राही नजर नहीं आया
बिखरे हुए कुछ सपने मिले
कोई नया ख्वाब न दिख पाया
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27 APR 2020 AT 16:49
गहन अंधकार ही देख पाया
खोजते रहे उम्मीद का दिया
दूर टिमटिमाता नजर आया
निराशा के घने बादल दिखे
उनके पीछे चांद नजर आया
दूर दूर तक राहें सुनसान थी
कोई राही नजर नहीं आया
बिखरे हुए कुछ सपने मिले
कोई नया ख्वाब न दिख पाया
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