एक सैनिक के दुख को कौन समझ सकता है
जान हथेली पर लिए जो देश सेवा करता है
उसके मर्म को महसूस करना इतना आसान नहीं
जो घर परिवार छोड़ कर रक्षा हमारी करता है
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4 MAY 2020 AT 14:05
एक सैनिक के दुख को कौन समझ सकता है
जान हथेली पर लिए जो देश सेवा करता है
उसके मर्म को महसूस करना इतना आसान नहीं
जो घर परिवार छोड़ कर रक्षा हमारी करता है
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