एक बार फिर से मुसकरा दो ना
मुझे अपना कह कर बुला लो न
बहुत दिन हुए तुमको देखे हुए
एक बार अपना चेहरा दिखा दो न
बीत गए वो दिन वो सुहानी रातें
वो सुहानी शामें फिर लौटा दो न
कितनी प्यारी थी वो जाड़े की धूप
वो खूबसूरत नजारे दिखा दो न
देख देख होती थी आंखों में बातें
एक बार फिर वो मुलाकात करा दो न
छोड़ आए दूर हम उन किनारों को
भंवर में फंसने से हमें बचा लो न
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31 JAN 2020 AT 8:26