एक अति सूक्ष्म जीवाणु ने इंसान को रुला दिया
उसके गुरूर को तोड़कर अंदर तक हिला दिया
धन दौलत और पराक्रम का नशा उतर गया
आकाश में उड़ने वाला इंसान डर के मर गया
आज इंसान अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहा
एक अदने से जीवाणु से बचने सारे जतन कर रहा
नहीं मालूम उसे कब किस रूप में मौत आ जाए
रात दिन इस जीवाणु के साए से बच कर गुजर रहा
धर्म जाति ऊंच नीच सारे भेद अपने आप मिट गए
दौलत मंद और गरीब सब अपने घरों में दुबक गए
अहंकार धन दौलत किसी का जादू न चल रहा
सब लोग इस जहाँ में खुद को बचाने में लग गए
इंसान को अपने वजूद का अब अहसास हो गया
एक नन्हा सा वायरस उसके लिए खास हो गया
काम न आ रही जमाने की दौलत और हुकूमत
हर हाल में जिंदगी बचाना मकसद खास हो गया
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16 MAR 2020 AT 12:28