दर्द सागर का देखो तो कितना ये तड़पता है
कभी ये शोर करता है कभी खामोश रहता है
प्रिय से मिलने को आतुर रात दिन ये मचलता है
करीब आती हवाओं से यही फरियाद करता है
दरिया दूर है कितना उसे इतनी खबर कर दो
बढ़ रही दिल की बेचैनी सफर जल्दी खतम कर लो-
20 APR 2020 AT 10:00