दिल की हर बात कहते थे
कोई तो था इस जग में
जिससे हर राज कहते थे
अब हम चुप ही रहते हैं
किसी से कुछ न कहते हैं
यकीन आता न किसी पर भी
न जी सकते न ही मरते हैं
तुमसे हमारा जो रिश्ता था
किसी से ना वास्ता था
जुड़ न पाए किसी से हम
साथ तुम सा फरिश्ता था
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5 MAR 2020 AT 16:08