27 JAN 2021 AT 16:11

देश की मर्यादा पर तुमने दाग लगा दिया
तुम समझते हो अपना परचम लहरा दिया
अपनी माँ से पूछो क्या उसको खुशी मिली
सरेआम अपनी माँ का दामन जला दिया
जिस तिरंगे की शान में वीर हुए बलिदान
उन शहीदों की शहादत को पलीता लगा दिया
गणतंत्र की मर्यादा का कुछ तो ख्याल करते
जिस मुल्क में पैदा हुए उसका सिर झुका दिया
भूल गए गुरुओं की वाणी उनकी शिक्षा का मान
देश की खातिर जिन्होंने सर अपना कटा लिया
शर्म न आई तुम्हे करके तिरंगे का अपमान
कुकृत्य करने के पूर्व क्यों मौत को न बुला लिया

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