देख जबसे तुम हमें मुस्कराने लगे
सपनों में तुम रोज हमारे आने लगे
मन को लुभाने लगे तुम जबसे हमें
गलियों में तुम्हारी हम रोज आने लगे
संवरने लगे जबसे देखकर तुम हमें
हम भी आइने के सामने रहने लगे
नजरों से जब करने लगे बात तुम
हम आंखों की भाषा समझने लगे
प्रेमगीत जबसे शुरू किया तुमने
हम भी संग तुम्हारे गुनगुनाने लगे
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23 APR 2020 AT 19:14