चमचों से चलता है जमाना मैं ही नहीं सभी ने माना
इनके बिना लगता सब सूना चाहे मुंबई या हो पूना
कलियुग के ये भाग्य विधाता बड़े बड़ो से इनका नाता
करते हैं जब ये मनमानी मिलता नहीं है इनका सानी
कुत्ते जैसी दुम ये हिलाते बिना कुछ किए मलाई खाते
सीखे इनसे जो वफादारी भूल जाएगा सारी खुद्दारी
जो भी करता इनसे बुराई वक्त से पहले मौत है पाई
मंत्री अफसर या हो नेता इनको अपने साथ है लेता
ये है जिसके साथ भी होते दो और दो तो पांच ही होते
दिन को अगर ये कह दे रात कभी न करना इनसे विवाद
इस युग के ये हैं अवतार कर लो इनसे जी भर प्यार
जिसने किया न इनसे प्यार सारे तीरथ होते बेकार
इनकी स्तुति करना भाई अगर थोड़ी भी है चतुराई
इनके आगे सिर को झुकाना चाहे अंधे हो या काना
बन सके यदि इनकी परछाईं कृपा करेगा तुम पर साईं
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29 MAR 2020 AT 17:36