चांद का इशारा समझ मै उस ओर निहारता रहा
उनके ख्यालों में खोया हुआ वक्त गुजारता रहा
उनके चेहरे पर पड़ी चांद की जब मोहक रोशनी
मै उसके मोहपाश में बंधा उनको ताकता रहा
छत पर खड़े हुए वो मंद मंद मुस्कराते रहे
मैं उनकी इस अदा पर अपनी जान लुटाता रहा
हसीन चांदनी वो रात आज भी याद है मुझे
मै नजरों से तस्वीर उनकी दिल में उतारता रहा
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21 JUN 2020 AT 21:37