17 SEP 2020 AT 21:05

बेरोजगार पूछता है कि अच्छे दिन कब आएंगे
कब तक हम यूँ ही दर दर की ठोकरें खाएंगे
जिंदगी गुजर जाएंगी क्या हमारी बस भटकते हुए
कब हम बेरोजगारी के चंगुल से निजात पाएंगे
कब हमारी जिंदगी से अंधेरे का साया हटेगा
कब हम सपनों को हकीकत में बदलते देख पाएंगे
कब हमारी जिंदगी में सम्मान से जीने का वक्त आएगा
कब तक हम अपने हाल पर आंसू बहाते जाएंगे
कब हमारे दिल के अरमानों को मिलेगी मंजिल
कब हम मंजिल को पाकर मुस्कराते हुए जी पाएंगे

-