बेच देते जरा सा ईमान तो हम भी आज धनवान होते
कमा लेते अपार दौलत तो बड़े लोगों के मेहमान होते
हमारे अंदर भी दौलतमंद होने का गुरुर आ ही जाता
अपने इर्दगिर्द चापलूसी करने वालों का हुजूम बन जाता
दौलत के नशे में हम भी खुद को खुदा समझने लग जाते
जब जो जी में आता फैसले करके आगे को बढ़ते जाते
जिंदगी का हर सुख हमारे लिए इशारो में उपलब्ध होता
जीवन को अपने अंदाज में बिताने का हर सपना सच होता
हर किसी के जमीर को खरीदने की हमारे पास दौलत होती
शहर के हर गली मोहल्ले में हमारे बड़ी शोहरत होती
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28 OCT 2021 AT 21:04