बात न करते भले ही तुम नजर से नजर मिला लेते
निगाहों से मिलकर हम अपने दिल को बहला लेते
खिल जाती दिल की बगिया हसीन ये मौसम होता
कुछ लम्हे तुम्हारी जुल्फों के ख्यालों में बिता लेते
चंद लम्हों की ये खुशियाँ हमारी यादों में बस जाती
काश तुम देख कर हमको पलकें अपनी उठा लेते
न जाने कबसे थी चाहत जी भर देखने की तुमको
लौटोगे नहीं तुम इन गलियों में इशारों में बता देते-
20 AUG 2020 AT 17:48