1 SEP 2020 AT 20:55

बार बार खुशी मेरे हाथों से दूर चली जाती है
कई बार छूकर मुझे दूर खड़े हो मुस्कराती है
तड़प जाता हूँ उसको करीब से महसूस करने
वो है कि मेरे जज्बात को ठुकरा के चली जाती है
मुद्दत से तमन्ना है कि खुशी मेरे आंगन में आए
बस इसी ख्याल में हर रोज मेरी नींद लग जाती है
खुशी को पाने के जतन में हर वक्त लगा रहता हूँ
बस एक आहट सी होती है और वो निकल जाती है

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