और कब तक हम एक दूसरे से दूर रहेंगे
कब तक हम जुदाई का गम सहते रहेंगे
जिंदगी का हर लम्हा अकेले में गुजरता है
आखिर कब तक तन्हाई में दिन गिनते रहेंगे
जिंदा रहने के लिए दूर रहना मजबूरी है
कब तक हम पास आने को तरसते रहेंगे
अकेले इस जहाँ में रहना बहुत कठिन होता है
कब तक इस जिंदगी को हम ढोते रहेंगे-
17 MAY 2020 AT 21:21