अपनी जीत पर जरा भी न इतराना
आज जो हारा कल उसकी बारी आना
हार जीत तो धूप छाँव की तरह होती
जीत पर न खुश होना, न हार पर दिल दुखाना-
2 APR 2021 AT 15:48
अपनी जीत पर जरा भी न इतराना
आज जो हारा कल उसकी बारी आना
हार जीत तो धूप छाँव की तरह होती
जीत पर न खुश होना, न हार पर दिल दुखाना-