अब तो जिंदगी में अपनी पहले जैसी बात नहीं
सुबह भी रहती गमगीन रात में भी वो बात नहीं
जिंदगी सिमट कर रह गई घर की चारदीवारी में
फिजा में बदलाव आया जरूर लेकिन वो बात नहीं
मिलने की कोशिश की उनसे रिश्ते जिनसे थे गहरे
अनमने से मिले वो ऐसे जैसे हुई हो मुलाकात नहीं
जिसके पास नहीं है दौलत उसे कोई न पूछता है
बिन दौलत के इस दुनिया में इंसान की औकात नहीं-
30 JUL 2020 AT 15:47