आपस में लड़ाई का ये कैसा मंजर हैइंसान ही इंसान का बन गया दुश्मन हैखून की होली तो मत खेलो यारों अबबदनाम हो रहा जग में ये प्यारा चमन हैकब तक लगाओगे अपने ही घर में आगजरा सोचो तो सही ये अपना ही वतन है -
आपस में लड़ाई का ये कैसा मंजर हैइंसान ही इंसान का बन गया दुश्मन हैखून की होली तो मत खेलो यारों अबबदनाम हो रहा जग में ये प्यारा चमन हैकब तक लगाओगे अपने ही घर में आगजरा सोचो तो सही ये अपना ही वतन है
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