आंखे पथरा गई हैं तुम्हारी राह तकते
न तो तुम आते न ही कोई खबर करते
हम रहते हैं उदास अपने में खोए रहते
तुम्हारी यादों के चिराग हम जलाए रखते
जिंदगी बीत रही है इंतजार करते करते
जाने लोग हमारे बारे में क्या क्या न कहते
हम सुनते हैं सबकी पर कुछ भी न कहते
हमें भरोसा है तुम हमसे हो प्यार करते
तुम हमे कभी इस हाल में छोड़ नहीं सकते
हर आहट पर हम दरवाजे की ओर भागा करते
मगर तुमको न पाकर मायूस होकर लौटते
हमारी पीड़ा को काश तुम जरा सा समझते
कभी हमसे इतनी दूर जाने की न सोचते
आंखों से आंसू हम बहने से न रोक सकते
तुम आते तो हम दिल की बात तुमसे कहते
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14 FEB 2020 AT 20:40