Rajnish Maurya   (रजनीश मौर्य)
150 Followers · 69 Following

Teacher
Psychologist
Traveller
Poet
sketching
X-Ncc cadet
Joined 31 January 2022


Teacher
Psychologist
Traveller
Poet
sketching
X-Ncc cadet
Joined 31 January 2022
24 APR AT 23:00

सवालों का हुजूम बरसा है मुझ पर
गरीमत रही तुम्हारे शहर बादल बरसे हैं ।।

-


15 APR AT 2:02

तकल्लुफ़ रही रातों को जगाने की
वरना नींद तो इक उम्र से खफा है ।।

-


11 APR AT 21:51

कुछ तो मिलावट रही होगी उनके इश्क में
हमारा इश्क तो पाक साफ था

-


6 APR AT 1:07

ख्यालों से मशवरा
और हकीकत से सवाल करता हुं

खुद सोच कर फिजूल की बातें
खुद को बेहाल करता हुं

सोच कर तुझे , तुझसे ज्यादा
तेरा हर पल ख्याल करता हुं

इन शब्दों में उलझ कर
मैं बातें बेमिसाल करता हुं

लिखुं और इससे ज्यादा
क्या तेरे बारे में
लिख कर मैं तुझे हर मर्तबा
खुद को खुद से अनजान करता हुं ...

-


5 APR AT 2:37

तो इस पहर
अंजान शहर
सुनी सड़के
और मेरी खामोशी
बैठे हाथ में
एक प्याली चाय लिए
तेरे इंतजार में
कि तू आए और
चाय की प्याली
अपने होठों से लगा
इसकी मिठास
बढ़ा जाए !

-


4 APR AT 23:56

// शब्दों में बड़ा झोल है
तुम मेरी खामोशी पढ़ा करो //

-


4 APR AT 21:09

// "ठहराव" भी जरूरी है
चाहे "मन" में हो या "जीवन" में हो //

-


4 APR AT 21:00

घाव उसके शब्द कर गए
और ताउम्र दोषी मैं खुद को ठहराता रहा ।।

-


2 APR AT 20:51

// जो ताउम्र याद रह गए तुम
तो ये उम्र तन्हा गुजारनी पड़ेगी हमें //

-


1 APR AT 22:28

इस पहर तुझे
देखने की तलब
का उफान पर होना
और तेरे ख्यालों का
खुद मन में
घर किए जाना
और सोच कर तुझे
मेरी धड़कन का
एकाएक बढ़ते जाना
जैसे तुझे पहली मर्तबा
देख कर लगा ...
क्या फिर से तुझे
पहली मर्तबा
देख लूं क्या ???

-


Fetching Rajnish Maurya Quotes