Rajnish dhar Dubey   (Rajnish dhar dubey)
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Student of Allahabad University
Joined 19 September 2020


Student of Allahabad University
Joined 19 September 2020
25 NOV 2021 AT 21:08

अगर सफलता पहाड़ है तो
हम भी दशरथ मांझी हैं।
जब तक तोड़ेंगे नहीं
तब तक छोड़ेंगे नहीं।।

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11 OCT 2021 AT 21:20

कुछ ऐसा लिख मेरे कलम तू अब की बार।
की स्याही से उभरा तीर हो जिगर के पार।।

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26 JAN 2021 AT 17:16

मैं सोचता हूं रख लूं तुझे मैं अपनी सर आंखों पर।
मैं लिखना चाहता हूं कविता तेरी इन आंखों पर।।

कितनी खूबसूरत है ये आंखें ,
बिना बोले ही सब बोल जाती है ये आंखें ।
मधुरता की भाषा है ये आंखें।
बिना बोलने वाली प्यार की सुंदर परिभाषा है ये आंखें ।

मैं सोचता हूं -------------------------इन आंखों पर ।।

मानव द्वारा की गई प्रेम प्रसंग है ये आंखें ,
भगवान की दी हुई अनमोल रतन है ये आंखें ।
दिवा में दिवाकर रजनी में रजनीश है ये आंखें ,
मनुष्य रूपी दुनिया की अरमान है ये आंखें।।

मैं सोचता हूं---------------इन आंखों पर।।

फूल है आंखें , खुमार है ये आंखें,
यही तो है बेमिसाल ये आंखें।
गुलाब हैं आंखें ,शराब हैं ये आंखें,
यही तो है लाजवाब ये आंखें ।।

मैं सोचता हूं ----------------------इन आंखों पर।।

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26 DEC 2020 AT 9:40

फर्क नहीं पड़ता कितनी पढ़ी लिखी है।
वह मेरी मां है मेरे लिए सबसे बड़ी है।।

जीत की आदत अच्छी है,
मगर कुछ रिश्तो में हार जाना बेहतर है।
मां की आंचल में जो सुकून है,
वह दूसरों की यादों से बेहतर है।।
फर्क नहीं----------सबसे बड़ी है।।

सारे गम को छुपा लेती है,
वह अपनी एक मुस्कान पे।
जरा सी आंच नहीं आने देती,
अपनी छोटी- सी संतान पे।।
फर्क नहीं----------सबसे बड़ी है।।

किस्मत से गरीब पर दिल से अमीर है,
सारी जन्नतें को भुला देने वाली ममतामई तकदीर है।
मां बच्चे की रोटी कपड़ा तथा मकान है,
मां नन्हे से परिंदे की बहुत बड़ा आसमान है।।
फर्क नही---------------सबसे बड़ी है।।

सवरने की उसे कहां फुर्सत होती है,
मां फिर भी बहुत खूबसूरत होती है।
मां का दर्जा कोई ले नहीं सकता,
मां के जैसे ममतामई प्यार कोई लूटा नहीं सकता।।
फर्क नही ------------------------सबसे बड़ी है।।

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9 OCT 2020 AT 20:13

डगमगा रहे हैं पैर मेरे।
इस जहां इस संसार में।।
चलना है सबका साथ लेकर।
खुशियों के साथ में।।


जिंदगी संघर्षों से है भरी।
सुख -दुख के साथ में।।
दुख से मत घबराना प्यारे।
बढ़ना तू नहीं उमंगों के साथ में।।

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8 OCT 2020 AT 20:14

मुझे इश्क सिखा करके, तुमने मुझको छोड़ दिया।
मुड़कर के देखा ना एक दफा, इश्क ने मेरा दिल तोड़ दिया।।

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7 OCT 2020 AT 18:24

Pahla pyar kya hota hai ,
yah tujhse dur hokar main samajh Paya.
Jab mein tere paas tha,
to tere pyar ki kadar mai na kar Paya.
Tujhe pane ki jo Aag Dil mein thi ,
vah ab Tak Na bujh payi.
Pahla pyar kya hota hai,
yeh tujhse dur hokar main samajh Paya.
Are chhoti si hi to demand thi teri,
Jisko Puri mein nahin kar Paya.
Aur hamari baat breakup Tak Chali aayi,
Tere liye photo ko chala kar ab main bahut pachtaya.
Pahla pyar kya hota hai,
Yeh tujhse dur Ho kar, main samajh Paya.
Socha tha tere Jaise bahut milenge,
Per samne apni sparsh dikhai,
Pyar ka karke bahana sab ne bahut rulayi,
Kash today party mere halat,
Tere bin main kaise murjhaya.
Pahla pyar kya hota hai,
Tujhse dur hokar, main samajh Paya.
Mere pyar tu salamat rahe,
Yah dua mere Dil se aai.
Jindagi mein Laut per agar to wapas aai,
Tu kabhi bhi Na karunga ruswai, kyunki ab mujhe tere pyar ki kimat samajh mein aai.
Pahla pyar kya hota hai,
Tujhse dur hokar main samajh Paya.

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6 OCT 2020 AT 7:48

मनुष्य का जीवन -
मनुष्य का जीवन एक दुख है।
जो कि विभिन्न कारणों से दुख को प्राप्त होता है।
जैसे- जन्म एक दुख है, मृत्यु भी एक दुख है, वृद्धावस्था भी एक दुख है, प्रिय वस्तु से वियोग होना भी एक दुख है, अप्रिय वस्तु से सहयोग होना भी दुख है ।।

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5 OCT 2020 AT 7:38

Dil ke Armaan aansuon mein reh Gaye.
Tumne hamen chhod Diya,
Ham patton ki tarah bikhar Gaye.
Chalti Hui gadi, daudta hua ghoda,
Kabhi rukta nahin.
Aur Dil Laga Lene se kabhi pyar ghatta nahin.

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4 OCT 2020 AT 19:46

आज मैंने कलम उठाई है ,
सोचा है कि, कुछ लिख डालू।
पर मेरी यादें तुझ तक आकर रुक सी जाती हैं,
तू कुछ इलाज कर इनका,
यह मेरे कलम के बीच में आ जाती है।।

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