छिन्न हो रही है जिंदगी मेरी
रेजा रेजा ...-
मैं हर रोज जाया करती हूं।
अपने अल्फाज उसके लिये
क्या करे। हम
ऐ गालिब..
ये दिल सुनता नही
और वो समझता नही।।
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कभी कभी आपको लोगों से
उम्मीद छोड़ देनी पड़ती हैं,
इसलिए नहीं कि आप परवाह नहीं करते,
बल्कि इसलिए कि वे परवाह नहीं करते..!!-
मेरे अल्फ़ाज़
जो उभरे
मेरे ख्यालों में
बार बार
जिससे मिली मुझे
एक नई पहचान
हां पन्नों पर लिखती हूं।
अपने जज्बात ....!!-
तू ही मेरा मौला
तू ही मेरा खुदा
तुझसे ही है मेरी हर चाहत
सांवरिया नीले अंबर वाले
तुझपे हर दिल फिदा
मैं तेरे चरणों की दासी
मेरी रूह में बसा है तू ही तू
ये दिल और जान तुझपे कुर्बान
सांवरिया नीले अंबर वाले ...!!-
A reader lives a thousand lives before he died. The man who never reads
lives only one..!!-
जब
अक्सर इन आवारा गलियों में
तन्हाई के साथ फिक्र में
दिन रात तालाश करती थी मैं
तुम्हारे उस अक्स को
जो हजारों सवालों के घेरे में
तन्हाई के मंजर में छोड़
एक चोट दे गया था मुझे
अब ये हमदर्दी कैसी ...??
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Sometimes your joy
is the source of your smile,
but sometimes your smile
can be the source of your joy..!-
सबसे न्यारी
इसमें छिपी है।
बचपन की किलकारी
वो फूलो की वादी
बारिश का पानी
कागज की कश्ती में
ख्वाबों की सवारी
वो बचपन की यादे।
आज की किलकारी
यह दोस्ती हमारी
सबसे प्यारी ।।-
If u improve on the present,
What comes later will
also be better.-