कितने भी ग़म हो,ये दामन को खुशी से भर देते हैं
बेरंग हस्ती को, अपनी हस्ती से रंगारंग कर देते हैं।
इनकी सिर्फ़ मौजूदगी मेरी खुशहाली की गारंटी है,
गरम चाय की प्याली से ये, सारी थकान हर लेते हैं
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कब तक राह देखना होगा.....
जब हर कटता पल भारी है।
क्षणभंगुर जीवन है सुनते हैं....
पर यह क्षण कटना ही भारी है।
अंत नहीं है ये आरंभ का पल है..
कमजोर नहीं तू, ना ही दुर्बल है।
तू सिर्फ खुशी का, दास न बनना..
अवसाद भी कभी बनता संबल है।-
...पूर्ण समर्पण...
साथ मेरे चलकर तुमने,मेरा रास्ता सरल किया।
मुझे मिले अमृत सो तुमने, बार बार गरल पिया।
कृतज्ञता भरा ये ह्रदय,करती हूं अर्पित तुम्हें अब।
नहीं सिर्फ हृदय केवल,पूर्ण समर्पित हूं तुम्हें अब।
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आपकी बातों से माना कि,
हम इत्तेफ़ाक नहीं रखते..
आप हमारे हैं तो फ़िर हमें,
टकराव टालना चाहिए...-
बीत गई रात काली, होने को अब उजास है,
साथ होने से तेरे, मेरे दिल में जगी आस है।
हल्की-हल्की चांदनी में मन जब भारी हुआ,
तुम मिले तो छटने लगी धीरे-धीरे कालिमा।
संबंध निभाना कला है, और जीवन साधना,
ज़रूरी नहीं, हर सवाल का जवाब जानना।
भावों के साक्षी बने, भला बुरा कुछ भी नहीं,
अच्छा समय रुका नहीं तो ये भी रुकेगा नहीं।-
शिव जीवन का सार भी है..
और जीवन का आधार भी हैं,
अपनी मौज में बहना सीखो,
तुम परमानंद में रहना सीखो।-
( उपहार )
उपहारों का कोई मोल नहीं होता
मोल तो होता है देने वाले,
और लेने वालों की भावना का,
उपहारों की ख़ुद में कोई कीमत नहीं होती।
कीमत तो होती है किसी के साथ,
आपसी स्नेह की, अपनेपन की।
कीमत उस प्यार की होती है,
किसी के हृदय में पनपता है।
कीमत उन अच्छे बुरे पलों की होती है,
जो कभी दोनों ने साथ गुजारे थे।
कीमत उस एहसास की होती है,
जो एक दूसरे के लिए महसूस किए जाते हैं।
इसीलिए उपहारों की कीमत,
लगाई नहीं जा सकती मुद्राओं में,
ये तो अनमोल है..
बेशकीमती हैं...
लेने वालों के लिए भी,
देने वालों के लिए भी।
तो मान रखें उपहार का..
मन रखें देने वाले का।
वही उपहार की सच्ची क़ीमत है।
Rajni's rights
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जीवन में संतुलन रहे, तुम्हारा ऐसा हो प्रयास,
कर्तव्यनिष्ठ हों, हर संबंध पर बना रहे विश्वास।
ठोकरों से घबराकर कभी भी, रुकें न तेरे पांव,
है मुसाफिर तुझे, एक दिन मिल जाएगी ठाव।
कुछ कांटे, कुछ फूल मिले जो,जीवन में उपहार,
मिले जो भी प्यार से तुझको करले सब स्वीकार।
भिन्न विचार रखना भले ही,पर ना करना कलेश,
सबके प्रति स्नेह रहे मन में, रहे ना इर्ष्या, द्वेष।
एक आंख में हंसी, दूजी में लिए आंसू का सैलाब,
होती है तो, हो जाने दो, तुम बिन बादल बरसात।-
रास्ता
ठहर कर
गति देता सबको
दिशा दिखाता आगे बढ़ाता
मंजिल पर पहुंचते जब लोग
रास्ता संतोष से भर भर जाता
कभी अपनी रुकावट का खेद नहीं जताता
अपने अस्तित्व से यह कई बिछड़ों को मिलाता-
ठहर गया है दर्द.. और रिस रही है जिंदगी,
किस किस तरह से हमें ठग रही है जिंदगी,
सिहर उठता है आज भी जिन पलों की याद में मन, अब तुझे क्या-क्या और कितना याद दिलाए जिंदगी।-