जो स्वयं को बदलने में पूर्णतः अक्षम हैं,वो जी रहे हैं दुनियाँ बदलने की चाह में..अपनी राह सुगम बनाने की कोशिशों में,सारे रोड़े बिछा दिए हैं औरों की राह में.. -
जो स्वयं को बदलने में पूर्णतः अक्षम हैं,वो जी रहे हैं दुनियाँ बदलने की चाह में..अपनी राह सुगम बनाने की कोशिशों में,सारे रोड़े बिछा दिए हैं औरों की राह में..
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बहुमुखी प्रतिभा की धनी.पारंगत नृत्यांगना मनमोहिनी..अथक परिश्रम से छूना चाहे आकाश.स्पष्ट विचारधारा से फैले जीवन में उजास.जादुई मुस्कान जवां ख्याल लिए.सुनना चाहे. सिर्फ अपनी अंतरध्वनि..यथा नाम, तथा गुण सुमेधा फलीभूत हो..संघर्षो के सफल होने की मिले तुम्हें संजीवनी.जन्मदिन पर है यही शुभकामना..वक्त से कभी तुम, हार मत मानना....परिश्रम रचित होती हैं काल की रचनाएं...बरसों बरस गूंजे तुम्हारे परिश्रम की प्रतिध्वनि. -
बहुमुखी प्रतिभा की धनी.पारंगत नृत्यांगना मनमोहिनी..अथक परिश्रम से छूना चाहे आकाश.स्पष्ट विचारधारा से फैले जीवन में उजास.जादुई मुस्कान जवां ख्याल लिए.सुनना चाहे. सिर्फ अपनी अंतरध्वनि..यथा नाम, तथा गुण सुमेधा फलीभूत हो..संघर्षो के सफल होने की मिले तुम्हें संजीवनी.जन्मदिन पर है यही शुभकामना..वक्त से कभी तुम, हार मत मानना....परिश्रम रचित होती हैं काल की रचनाएं...बरसों बरस गूंजे तुम्हारे परिश्रम की प्रतिध्वनि.
झमाझम बारिश यहाँकिसी को भाती है,किसी को रुलाती है..हर इक की संतुष्टि कहाँ,हर इक के बस में है.... -
झमाझम बारिश यहाँकिसी को भाती है,किसी को रुलाती है..हर इक की संतुष्टि कहाँ,हर इक के बस में है....
आदि योगी.. हर हर महादेव 🙏मन में कुछ अधूरी प्यास लिए..चल पड़े क़दम जब तुम्हारी ओर..अन्तर्यामी हो जान ही लोगे तुमलाए जो लोटा भर जल विश्वास..पी जाना फ़िर इक बार बाबा..उनके विकारों का हलाहल... टूटे थके हारे, उन सभी में तुमबाँट देना फ़िर जीने की आस... -
आदि योगी.. हर हर महादेव 🙏मन में कुछ अधूरी प्यास लिए..चल पड़े क़दम जब तुम्हारी ओर..अन्तर्यामी हो जान ही लोगे तुमलाए जो लोटा भर जल विश्वास..पी जाना फ़िर इक बार बाबा..उनके विकारों का हलाहल... टूटे थके हारे, उन सभी में तुमबाँट देना फ़िर जीने की आस...
आदमी का सफर है. या सफर में है आदमीउम्र भर ये सच कहाँ जान पाता है आदमी..आया है जहां से ये, ये जाएगा फ़िर वहींइस तरह रहता है ताउम्र सफर में आदमी..दुनिया तभी तक है जब तक दुनिया में है हम फिर भी जाने क्या जोड़ता घटाता है आदमी..जानता तो है इक दिन मर जाना है सभी को फ़िर भी कहां हर पल में जी पाता है आदमी..उम्र भर तो कोई साथ निभाएगा नहीं फिर क्यूँ सात जन्मों के संबंध बनाता है आदमी.. -
आदमी का सफर है. या सफर में है आदमीउम्र भर ये सच कहाँ जान पाता है आदमी..आया है जहां से ये, ये जाएगा फ़िर वहींइस तरह रहता है ताउम्र सफर में आदमी..दुनिया तभी तक है जब तक दुनिया में है हम फिर भी जाने क्या जोड़ता घटाता है आदमी..जानता तो है इक दिन मर जाना है सभी को फ़िर भी कहां हर पल में जी पाता है आदमी..उम्र भर तो कोई साथ निभाएगा नहीं फिर क्यूँ सात जन्मों के संबंध बनाता है आदमी..
बाँटने से.जो चाहो ख़ुश रहना..तो बांटते रहो मुस्कानछुपाते रहो पीड़ा...क्यूंकि तुम्हारी ख़ुशी काउठाना पड़ेगा तुम्हें ही बीड़ा.. -
बाँटने से.जो चाहो ख़ुश रहना..तो बांटते रहो मुस्कानछुपाते रहो पीड़ा...क्यूंकि तुम्हारी ख़ुशी काउठाना पड़ेगा तुम्हें ही बीड़ा..
और महसूस करना संवेदनाओं को...किसी को अपना बनाने की ख़ातिर न रहन रखना तुम स्वाभिमान को ... -
और महसूस करना संवेदनाओं को...किसी को अपना बनाने की ख़ातिर न रहन रखना तुम स्वाभिमान को ...
( समय के उस पार )ये फूल है कि खार है... ये जीत है कि हार है...देख तटस्थ भाव से तू कि.. समय के रथ पे तू सवार है.... -
( समय के उस पार )ये फूल है कि खार है... ये जीत है कि हार है...देख तटस्थ भाव से तू कि.. समय के रथ पे तू सवार है....
घर जहां विश्वास की नीव हो.हो छत स्वाभिमान की..प्यार से रंगी दीवारें हों..हो दहलीज सम्मान की..घर जहां जिंदगी खिलखिलाती हो..जहां खुशियां बाहें फैलाती हों..जहां साँझ ढले नींड़ तले लौटने को,हर सांस सुगबुगाती हो..घर जहां परमात्मा का वास हो.जहां संतति का सतत विकास हो.जहां व्यवहार में सत्यता हो..जहां चरित्रों में पवित्रता हो..घर जहां हर दर्द का इलाज हो.हर एक, दूसरे के लिए खास हो.एक दूजे के लिए सच्ची चाहते हों..घर जहां कदम रखते ही सिर्फ़ राहते हों.. -
घर जहां विश्वास की नीव हो.हो छत स्वाभिमान की..प्यार से रंगी दीवारें हों..हो दहलीज सम्मान की..घर जहां जिंदगी खिलखिलाती हो..जहां खुशियां बाहें फैलाती हों..जहां साँझ ढले नींड़ तले लौटने को,हर सांस सुगबुगाती हो..घर जहां परमात्मा का वास हो.जहां संतति का सतत विकास हो.जहां व्यवहार में सत्यता हो..जहां चरित्रों में पवित्रता हो..घर जहां हर दर्द का इलाज हो.हर एक, दूसरे के लिए खास हो.एक दूजे के लिए सच्ची चाहते हों..घर जहां कदम रखते ही सिर्फ़ राहते हों..
जो जो पूछोगे बताऊंगा मैं सब सच, तुमने पूछा नहीं.. मैंने बताया नहीं.. इसका अर्थ यह नहीं मैं झूठा हूं...जितना मांगोगे मैं दूंगा, यह वादा हैतुमने मांगा नहीं..तो मैंने दिया नहीं..इसका अर्थ यह नहीं मैं रूठा हूं..जब-जब आज़माओगे,उतरूंगा खरा.तुमने आज़माया नहीं..मुझे अपनाया नहीं..इसका अर्थ यह नहीं मैं खोटा हूं..rajani's right 😊😊 -
जो जो पूछोगे बताऊंगा मैं सब सच, तुमने पूछा नहीं.. मैंने बताया नहीं.. इसका अर्थ यह नहीं मैं झूठा हूं...जितना मांगोगे मैं दूंगा, यह वादा हैतुमने मांगा नहीं..तो मैंने दिया नहीं..इसका अर्थ यह नहीं मैं रूठा हूं..जब-जब आज़माओगे,उतरूंगा खरा.तुमने आज़माया नहीं..मुझे अपनाया नहीं..इसका अर्थ यह नहीं मैं खोटा हूं..rajani's right 😊😊